हजारीबाग। खतियानी आदिवासी मूलवासी के हक की लड़ाई की आगामी रणनीति निर्माण को लेकर पेलावल दक्षिणी पंचायत भवन में झारखंड के लोगों व बच्चों के वर्तमान व भविष्य की चिंता को लेकर एकदिवसीय परिचर्चा को लेकर बैठक की गई। बैठक की अध्यक्षता डॉ. एके मेहता व संचालन बी. महतो ने किया।
बैठक में उपस्थित बतौर मुख्य अतिथि सह साहेबगंज के पूर्व झामुमो. विधायक लोबिन हेम्ब्रोम ने राज्य सरकार के नीति के विरूद्ध आवाज उठाते हुऐ कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने आजतक न स्थानीय नीति बनाई और न ही नियोजन नीति पर गंभीर है, जिसके कारण आज सूबे के युवाओं में बेरोजगारी का आलम है।
बेलगाम अफसरशाही व माफियाओं द्वारा जल जंगल जमीन को लूटा जा रहा है। सूबे में मादक पदार्थों का व्यवसाय से लाखों लोगों के घर बर्बादी के कगार पर है। उन्होने हेमंत सरकार के अकर्मन्यता पर भी कटाक्ष किया और कहा कि आज भी हम झामुमों के सिपाही हैं। मगर सरकार के नीति के विरूद्ध हैं। कार्यक्रम को सीपीआई के पूर्व सांसद भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने भी संबोधित किया और कहा कि झारखंड के आदिवासी मूलवासी नेता , सांसद, विधायक, मंत्री व मुख्यमंत्री जनता के दुख दर्द से अनभिज्ञ हैं।
हम सब मिलकर व संघर्ष करके अलग राज्य तो ले लिए, मगर स्थानीय जनता का विकास कैसे है। यह वीजन आजतक नही बना पाए। क्योंकि झारखंड में शासन प्रशासन पर बाहरी लोगो का कब्जा है, जो आदिवासी मूलवासी के हितकर नही हो सकते।
मौके पर संरक्षक सीपी दांगी, आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के प्रदेश संयोजक राजू महतो, खतियानी परिवार कल्याण समिति के केंद्रीय अध्यक्ष नागेश्वर प्रसाद मेहता, राजेन्द्र प्रसाद स्वर्णकार, पेलावल विकास मंच के संयोजक सह अध्यक्ष एम हक भारती, शाहीन परवीन, पूर्व विधायक मंगल सिंह बोबोंगा, सुशांतो मुखर्जी, एलएम उरांव, विजय शंकर नायक, रंजीत उरांव, विरंजना हेरेंज, सुशील बारला, अब्दुल लतीफ मल्लिक, परवेज अंसारी, अनवर हुसैन, शिबू होरो, मो. हकीम, अधिवक्ता अनिरूद्ध कुमार, अधिवक्ता शंभु प्रसाद, मो. इलियास अंसारी, रामनारायण राम, रीता देवी, निर्मला देवी, मुन्नी देवी सहित सैकड़ो खतियानी परिवार उपस्थित थे।